हल्दू के पेड़ का जिसे मई का पेड़ भी कहा जाता है. उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में हल्दू के पेड़ को कदम्ब के नाम से जाना जाता है। इसके फल और बीज औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इस पेड़ की छाल और पत्तियों से बनी औषधियां कई औषधीय लाभ प्रदान करती हैं।विशेषज्ञों के अनुसार, हल्दी के सेवन से लिवर की समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
हल्दू के पेड़, फल, फूल और छाल कई औषधीय गुणों से भरपूर हैं, जिनका उल्लेख सुश्रुत जैसे ग्रंथों में किया गया है। आयुर्वेद के अनुसार इसका फल शरीर के तीनों दोषों (वात, कफ, पित्त) को नियंत्रित करता है। हल्दू फल स्वभाव से कड़वा होता है और इसमें मौजूद गुण शरीर की कई गंभीर समस्याओं के लिए रामबाण हैं। इसके फल में बीज होते हैं जो आमतौर पर खाए जाते हैं।हल्दू एक सुन्दर एवं उपयोगी वृक्ष है
जो विभिन्न क्षेत्रों में पाया जाता है तथा विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है। यह वृक्ष औषधीय, खाद्य एवं अन्य उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है।ब्लड शुगर के मरीजों के लिए हल्दू का पेड़ अमृत से कम नहीं है। इसकी जड़ और छाल में एंटी ब्लड शुगर तत्व पाए जाते हैं। इसकी पत्तियों में मैनोलिक अर्क मौजूद होता है, जो बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल को कम करने में कारगर है।
ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को इसके फल, फूल और जड़ का सेवन जरूर करना चाहिए। हल्दू का पेड़ पेट से जुड़ी कई समस्याओं जैसे उल्टी, दस्त आदि के इलाज में फायदेमंद है।यह हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। इस पेड़ में क्लोरोजेनिक एसिड होता है जो एक तरह का एंटी-हेपेटोटॉक्सिक होता है। इस पेड़ की मेहराब लिवर संबंधी समस्याओं को दूर करती है।