उत्तराखंड : हाई कोर्ट ने राज्य लोक सेवा आयोग से मांगा जवाब।
उत्तराखंड : हाई कोर्ट ने राज्य लोक सेवा आयोग से मांगा जवाब।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वर्ष 2016 के बाद पीसीएस परीक्षा न कराने पर राज्य लोक सेवा आयोग के खिलाफ दायर जनहित याचिका में राज्य लोक सेवा आयोग से इस मामले में एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने गदरपुर और देहरादून निवासी हरेंद्र सिंह और गुलफाम की जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने राज्य गठन के बाद से लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस के रिक्त पदों के लिए छह बार प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित की हैं।
पहली परीक्षा वर्ष 2002 में आयोजित की गई थी जबकि अंतिम परीक्षा वर्ष 2016 में आयोजित की गई थी। आयोग ने वर्ष 2016 की परीक्षा का परिणाम वर्ष 2019 में घोषित किया। इसके बाद आयोग ने किसी भी परीक्षा के लिए कोई विज्ञप्ति जारी नहीं की, जबकि लोग 2019 से इस परीक्षा में भाग लेने के पात्र थे।
याचिकाकर्ता तब से इस प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। अब उनकी उम्र अधिक होने के कारण आयोग उनका आवेदन स्वीकार नहीं कर रहा है. बड़ी मुश्किल से आयोग ने इन रिक्त पदों को भरने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है, लेकिन तय समय में नोटिफिकेशन जारी नहीं होने के कारण अब वे इसमें भाग नहीं ले पा रहे हैं.
जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि आयोग को निर्देश दिया जाए कि जो लोग विज्ञप्ति जारी होने के बाद ओवरएज हो गए हैं और वर्षों से विज्ञप्ति जारी होने का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें इसमें शामिल होने का मौका दिया जाए. इंतिहान।
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