इसमें सोंठ, काली मिर्च और पिप्पली मिलाकर पीने से खांसी से होने वाली समस्याओं से राहत मिलती है। गुड़ मिलाकर पीने से पेशाब के दौरान दर्द की समस्या दूर हो जाती है। हींग, जीरा और सेंधा नमक का मिश्रण पीने से न केवल शरीर से उपरोक्त सभी रोग दूर होते हैं बल्कि लीवर को ठंडक और शांति भी मिलती है।
गर्मी के दिनों में घरेलू विधि से तैयार किया गया यह पेय हर किसी के लिए अमृत समान है। इसे शुद्ध देशी दही को देर तक मथकर मलाई अलग करके लगभग एक चौथाई पानी मिलाकर तैयार किया जाता है। यह कई बीमारियों में बहुत फायदेमंद और असरदार है।इस छाछ में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. जैसे- इसमें विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन ई, कैल्शियम और पोटेशियम आदि होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार इसमें से घी और मक्खन निकाल देने के कारण यह बहुत हल्का और सुपाच्य हो जाता है,
जो शरीर को ताजगी प्रदान करता है।छाछ का अधिकतर उपयोग मिट्टी के बर्तन में ही करना चाहिए। बरसात के मौसम में इसका प्रयोग न करें। अगर गठिया या जोड़ों के दर्द की समस्या है तो इसे पानी में छिड़क कर गुनगुना करके सेवन करें। इसके अलावा अगर कोई पुरानी बीमारी है तो आयुर्वेद डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका इस्तेमाल करें।
क्योंकि केवल एक विशेषज्ञ ही उम्र और बीमारी के अनुसार सही खुराक निर्धारित कर सकता है।गर्मियों के लिए छाछ अमृत के समान है. यह बवासीर, पाचन तंत्र, कफ दोष, वात पित्त दोष, मूत्र रोग, खून की कमी, उल्टी-दस्त, कमजोरी, पेशाब करते समय जलन, भूख न लगना, पानी की कमी, मोटापा और त्वचा रोग जैसी कई बीमारियों में बहुत फायदेमंद है।