आपके शरीर के लिए सोने की खान हैं,ये पौधे, फल से लेकर पत्ते तक में वरदान, दर्जनों बीमारियों का है काल

Jun 2, 2024 - 12:47
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आपके शरीर के लिए सोने की खान हैं,ये पौधे, फल से लेकर पत्ते तक में वरदान, दर्जनों बीमारियों का है काल

आयुर्वेद में एलोवेरा के पौधे को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष एवं आयुर्वेदिक पौधों के विशेषज्ञ प्रो. विजय मलिक बताते हैं कि एलोवेरा से जो जेल निकलता है. अगर इसका इस्तेमाल त्वचा पर किया जाए. ऐसे में गर्मियों के दौरान त्वचा से जुड़ी कई तरह की शिकायतें देखने को मिलती हैं। वही समाधान होगा. हालांकि उनका कहना है कि इसकी ऊपरी परत लोगों के लिए हानिकारक है. केवल अंदर के सफेद जेल का ही उपयोग करना चाहिए।



आयुर्वेद में पुदीने की पत्तियों को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इसके अंदर विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स समेत कई तरह के प्रोटीन पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए काफी बेहतर होते हैं। ऐसे में अगर आप रोजाना अपने खाने के साथ पुदीने की चटनी का इस्तेमाल करेंगे तो इससे गर्मी के मौसम में होने वाली उल्टी, दस्त और अन्य समस्याओं से काफी राहत मिलेगी।

गर्मी के मौसम में लोगों को पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर आप बेलपत्र के पत्ते या इसके फल का सेवन शुरू कर दें तो पेट से जुड़ी हर तरह की समस्या दूर हो जाएगी। आयुर्वेद के अनुसार इसमें विभिन्न प्रकार के प्रोटीन और विटामिन सी पाए जाते हैं। जो गर्मियों में बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखने में बहुत उपयोगी है।

बदलते समय में लोगों की हड्डियां बेहद कमजोर होती जा रही हैं। छोटी सी घटना में भी हड्डी टूटने की आशंका रहती है. ऐसे में अगर आप रोजाना सुबह केले का सेवन शुरू कर दें। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं. क्योंकि इसमें कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा अगर केले के पत्तों की बात करें तो इसमें प्राकृतिक लौह तत्व पाया जाता है। आप इसकी पत्तियों का इस्तेमाल कर सकते हैं. साथ ही इसके पत्तों पर खाना खाने से आयरन की पूर्ति होती है।फंगल संबंधी समस्याओं के लिए इसकी पत्तियों का पेस्ट त्वचा पर भी लगाया जा सकता है।


अगर हम पपीते के फल की बात करें तो यह पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। डॉक्टर भी मरीजों को पपीता खाने के लिए कहते हैं। अगर इसकी पत्तियों की बात करें तो इसमें भी कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। डेंगू के दौरान इसकी पत्तियों का रस प्लेटलेट्स को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाता है। हालांकि, इसकी पत्तियां दिल और बीपी के मरीजों के लिए हानिकारक होती हैं।

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